Page 4 - DHIN404_SAHITYA_SHASHTRA_BHARTIYA_PAASCHATYA
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(SYLLABUS)
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Sr. Content
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1 साहहत्य का स्वरूप, काव्ाांग, लक्षण, साहहत्य एव समाज, काव्-प्रयोजन, काव्-प्रकार- प्रबन्ध एव मक्तक।
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2 उपन्यास, कहानी, नाटक, हनबन्ध क तत्व एव वगीकरण। एकाांकी, आत्मकथा, जीवनी, रखाहित्र, सांस्मरण,
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ररपोतााज: हवशषताएँ एव तत्व।
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3 भारतीय काव्शास्त् का पररिय, रस हसद्धान्त, रस: स्वरूप, रसहनष्पहि, रस क अग, साधारणीकरण, अलकार
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हसद्धान्त एव अलकार वगीकरण।
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4 ध्वहन-हसद्धान्त, ध्वहन का स्वरूप, ध्वहन काव् क भेद, रीहत हसद्धान्त, रीहत की अवधारणा एव काव्-गण।
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5 वक्रोहक्त हसद्धान्त: वक्रोहक्त की अवधारणा एव वक्रोहक्त क भेद, औहित्य: अवधारणा एव भेद।
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6 हहन्दी समीक्षा की पष्ठभूहम: लक्षण काव्-पररिय, प्रमख हवशषताएँ, आिाय की अवधारणा, भेद,
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हिन्तामहण, देव, हभखारीदास का काव्शास्त्ीय हिन्तन।
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7 हहन्दी क प्रमख आलोिकों का हहन्दी साहहत्य म योगदान एव लखन कशलता की हवशषताएँ: रामिन्र शक्ल,
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हजारी प्रसाद हिवदी, महादेवी वमाा, डॉ. नगन्र, रामहवलास शमाा, अज्ञय, जयशकर प्रसाद।
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8 प्रमख आलोिकों का हहन्दी साहहत्य म योगदान एव लखन कशलता की हवशषताएँ: डॉ. नगन्र, रामहवलास
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शमाा, अज्ञय, जयशकर प्रसाद।
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9 पाश्चात्य साहहत्यशास्त्: अरस्तु का अनुकरण एव हवरिन, लौंजाइनस का उदाि, अरस्तु: अनुकरण, त्रासदी
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हवविन। आई.ए. ररिडास का सम्प्प्रषण, टी. एस. इहलयट का हनवहक्तकरण का हसद्धान्त।
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10 प्रमख आधुहनक साहहत्य वाद: स्वच्छन्दतावाद, माक्सावाद, अहस्तत्वाद, मनोहवश्लषणवाद, आधुहनकतावाद /
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उिराअधहनकता।